
एक अच्छे एवं स्वस्थ समाज के लिए एनीमिया से छुटकारा पाना जरूरी-उपायुक्त श्रीमती कोमल मित्तल
होशियारपुर - "एनीमिया मुक्त भारत" कार्यक्रम के तहत लड़कियों में एनीमिया को खत्म करने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक अभियान शुरू किया गया है। इस संबंध में आज सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल रेलवे मंडी में प्रिंसिपल की अध्यक्षता में एक समारोह का आयोजन किया गया। ललिता अरोड़ा। जिसमें डिप्टी कमिश्नर होशियारपुर श्रीमती कोमल मित्तल जी मुख्य अतिथि के रूप में और सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. बलविंदर कुमार दमाना विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए।
होशियारपुर - "एनीमिया मुक्त भारत" कार्यक्रम के तहत लड़कियों में एनीमिया को खत्म करने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक अभियान शुरू किया गया है। इस संबंध में आज सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल रेलवे मंडी में प्रिंसिपल की अध्यक्षता में एक समारोह का आयोजन किया गया। ललिता अरोड़ा। जिसमें डिप्टी कमिश्नर होशियारपुर श्रीमती कोमल मित्तल जी मुख्य अतिथि के रूप में और सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. बलविंदर कुमार दमाना विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सीमा गर्ग के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में 52 महिलाएं शामिल हुईं। विद्यालय के छात्र-छात्राओं को आयरन की खुराक दी गई। टेबलेट वितरित की गई। इस अवसर पर उपायुक्त श्रीमती कोमल मित्तल ने कहा कि एनीमिया को खत्म करने के लिए आज से ही किशोरियों को एनीमिया से मुक्त कराना जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए एनीमिक लड़कियों की पहचान कर उन्हें तीन महीने का समय दिया जाएगा। एनीमिया से मुक्ति के लिए 2018 तक आयरन की गोलियां दी जा रही हैं। उन्होंने छात्राओं से कहा कि वे इस दवा के साथ-साथ अपने भोजन में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों को भी प्राथमिकता दें। उन्होंने हंस के प्रतिनिधियों को विशेष रूप से धन्यवाद दिया। इस कार्यक्रम में मौजूद फाउंडेशन ने इस दौरान इस अभियान को सफल बनाने के लिए उनके द्वारा दी गई आयरन की गोलियों के लिए आभार व्यक्त किया. डॉ. बलविंदर कुमार दमाना ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें अपने भोजन में हरी सब्जियां और मौसमी फलों को शामिल करना चाहिए। एनीमिया दूर करती हैं हरी पत्तेदार सब्जियां मौसमी फल और सब्जियां शरीर के अन्य जरूरी तत्वों की पूर्ति करने का काम करती हैं।
डॉ. सीमा गर्ग ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि एनीमिया से निजात पाने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह अभियान शुरू किया गया है. इसके अनुसार 10 से 19 वर्ष की लड़कियों को एचबी टेस्ट के बाद आयरन की गोलियां दी जा रही हैं और उनका एचबी 8 से 10 ग्राम के बीच पाया जाता है और 3 महीने के बाद उनका एचबी दोबारा टेस्ट किया जाएगा।
एसएमओ चकोवाल डॉ. बलदेव सिंह के अलावा डिप्टी मास मीडिया ऑफिसर तृप्ता देवी, डॉ. मनदीप कौर एएमओ आरबीएसके, जिला कार्यक्रम प्रबंधक मोहम्मद आसिफ, जिला बीसीसी समन्वयक अमनदीप सिंह, स्टाफ नर्स रेनू और हंस फाउंडेशन से कार्यक्रम प्रबंधक हरीश पांडे, परियोजना प्रबंधक हरीश कुकरेती, परियोजना समन्वयक ओम राज एवं विद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
