ध्वनि प्रदूषण को लेकर जिलाधिकारी ने जारी किये आदेश

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"सफलता का कोई रहस्य नहीं है। यह तैयारी, कड़ी मेहनत और विफलता से सीखने का परिणाम है।"
होशियारपुर - जिला मजिस्ट्रेट-कम-डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल द्वारा आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 (1973 का अधिनियम संख्या 2) की धारा 144 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए आदेश के अनुसार किसी भी ध्वनि प्रदूषण / शोर पैदा करने वाले उपकरण, संगीत जिले में किसी भी प्रकार का ध्वनि प्रदूषण, शोर, धमक वाले संगीत तथा किसी भी प्रकार के पटाखे व आतिशबाजी पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगी।
होशियारपुर - जिला मजिस्ट्रेट-कम-डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल द्वारा आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 (1973 का अधिनियम संख्या 2) की धारा 144 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए आदेश के अनुसार किसी भी ध्वनि प्रदूषण / शोर पैदा करने वाले उपकरण, संगीत जिले में किसी भी प्रकार का ध्वनि प्रदूषण, शोर, धमक वाले संगीत तथा किसी भी प्रकार के पटाखे व आतिशबाजी पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगी।
यह प्रतिबंध केवल रंग बनाने वाले पटाखों और आतिशबाजी पर लागू नहीं होगा। इसी प्रकार वाहनों में किसी भी प्रकार के प्रेशर हार्न, विभिन्न संगीत वाले तथा किसी भी प्रकार के ध्वनि प्रदूषण, शोर, धमक वाले संगीत, अत्यधिक आवाज वाले हार्न बजाना भी पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। केवल सरकार द्वारा निर्दिष्ट ध्वनि प्रदूषण से मुक्त हॉर्न ही निर्दिष्ट ध्वनि पर बजाए जा सकते हैं।
इसके अलावा किसी भी गैर सरकारी भवन, व्यवसायिक दुकानों, सार्वजनिक स्थानों, सिनेमा, मॉल, होटल, रेस्टोरेंट एवं मेले आदि में तेज एवं धमक भरा संगीत एवं अश्लील गाना बजाना पूर्णतः प्रतिबंधित है। मंत्रालय, वन, अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान, अदालतें, धार्मिक संस्थान या सक्षम प्राधिकारी द्वारा साइलेंस जोन के रूप में घोषित किसी भी क्षेत्र के 100 मीटर के भीतर पटाखे/धमक वाले संगीत/लाउड स्पीकर/प्रेशर हॉर्न और शोर उत्पन्न करना सख्ती से प्रतिबंधित किया जाएगा. इसी प्रकार, विशेष परिस्थितियों और अवसरों के दौरान, आयोजक, पूजा स्थलों/पंडालों में लाउड स्पीकर और आधिकारिक विवाह महलों में डीजे/ऑर्केस्ट्रा पंजाब इंस्ट्रूमेंट्स में निर्धारित शर्तों के अनुसार संबंधित उपमंडल मजिस्ट्रेट की लिखित मंजूरी के बिना संचालित नहीं होंगे। (शोर नियंत्रण) अधिनियम, 1956.
भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार संबंधित उपमंडल मजिस्ट्रेट से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने के बावजूद, किसी भी स्थान पर किसी के द्वारा बजाए जाने वाले लाउड स्पीकर/डीजे/संगीत वाद्ययंत्र/एड्रेस सिस्टम आदि की ध्वनि सीमा सीमित है। संबंधित स्थान पर ध्वनि मानक सीमा औद्योगिक प्रतिष्ठानों में दिन के दौरान 75 डीबी (ए) और रात के दौरान 70 डीबी (ए), वाणिज्यिक क्षेत्रों में दिन के दौरान 65 और रात के दौरान 55 निर्धारित की गई है। और आवासीय क्षेत्रों में रात के दौरान 55 और साइलेंस जोन दिन के दौरान 50 डीबी (ए) और रात के समय 40 डीबी (ए) से अधिक नहीं होना चाहिए। इस प्रतिबंध का दिन का समय मतलब सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक है। यह आदेश सरकारी मशीनरी एवं आपातकालीन स्थिति में लागू नहीं होगा। ये आदेश 8 जुलाई 2024 तक लागू रहेंगे.
25-06-2025 07:05:52