
सुरक्षित स्कूल वाहन नीति के तहत स्कूल बसों की चेकिंग को लेकर अभियान दूसरे दिन भी जारी रहा
नवांशहर - पंजाब राज्य बाल अधिकार आयोग द्वारा प्राप्त दिशानिर्देशों के अनुसार और श्री नवजोत पाल सिंह रंधावा (आईएएस) डिप्टी कमिश्नर शहीद भगत सिंह नगर के मार्गदर्शन में जिले में दूसरे दिन सुरक्षित स्कूल वाहन नीति के तहत स्कूल बसों की जांच की गई। इस बारे में जानकारी देते हुए जिला बाल संरक्षण अधिकारी कंचन अरोड़ा ने बताया कि टीम ने चेकिंग करते हुए सात स्कूलों की 12 स्कूल बसों की जांच की. जिसमें कैंब्रिज पब्लिक स्कूल, केसी पब्लिक स्कूल, शिव चंद स्कूल, टैगोर स्कूल, डॉ. आसा नंद स्कूल, डेरिक इंटरनेशनल स्कूल, गुरु नानक मिशन स्कूल की बसें भी शामिल थीं।
नवांशहर - पंजाब राज्य बाल अधिकार आयोग द्वारा प्राप्त दिशानिर्देशों के अनुसार और श्री नवजोत पाल सिंह रंधावा (आईएएस) डिप्टी कमिश्नर शहीद भगत सिंह नगर के मार्गदर्शन में जिले में दूसरे दिन सुरक्षित स्कूल वाहन नीति के तहत स्कूल बसों की जांच की गई। इस बारे में जानकारी देते हुए जिला बाल संरक्षण अधिकारी कंचन अरोड़ा ने बताया कि टीम ने चेकिंग करते हुए सात स्कूलों की 12 स्कूल बसों की जांच की. जिसमें कैंब्रिज पब्लिक स्कूल, केसी पब्लिक स्कूल, शिव चंद स्कूल, टैगोर स्कूल, डॉ. आसा नंद स्कूल, डेरिक इंटरनेशनल स्कूल, गुरु नानक मिशन स्कूल की बसें भी शामिल थीं।
चेक की गई बसों में से सुरक्षित स्कूल वाहन नीति की आवश्यकताओं को पूरा न करने वाली 6 स्कूल बसों का चालान किया गया और 3 स्कूल बसों को जब्त भी किया गया। उन्होंने कहा कि सुरक्षित स्कूल वाहन नीति के तहत स्कूल बसों में फुट स्टेप की ऊंचाई 220 मिमी से अधिक नहीं होनी चाहिए। सीसी टीवी कैमरे का फुटेज 60 दिन तक सुरक्षित रखना जरूरी है स्कूल बस में क्षमता से अधिक बच्चों को नहीं बैठाया जाए बस में अग्निशामक यंत्र रखना अनिवार्य है यदि बस किराये पर है तो बस पर स्कूल ड्यूटी का बैनर लगाना जरूरी है स्कूल बस सुनहरे पीले रंग की होनी चाहिए बस के आगे और पीछे आपातकालीन डोर की आवश्यकता है बस में फर्स्ट एड बॉक्स होना जरूरी है स्पीड गवर्नर अवश्य लगा होना चाहिए तथा यदि स्कूल वैन में अकेली छात्रा यात्रा कर रही है तो स्कूल वैन में एक महिला अटेंडेंट अवश्य होनी चाहिए। अगर कोई इन नियमों का पालन नहीं करेगा तो स्कूल मुखिया और चालक के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। उपायुक्त ने जिले में सुरक्षित स्कूल वाहन नीति लागू करने का निर्देश दिया है. ताकि बच्चों को सुरक्षित माहौल में स्कूल और घर पहुंचना सुनिश्चित किया जा सके. उपायुक्त ने कहा कि बस के अंदर प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, अग्निशमन यंत्र, कैमरा जैसी बुनियादी सुविधाएं, बस का रंग पीला होना चाहिए. और उसके ऊपर की पट्टी पर स्कूल का नाम और फोन नंबर लिखा होना चाहिए. इसके अलावा सरकारी नंबर प्लेट, फिटनेस सर्टिफिकेट, महिला अटेंडेंट आदि सुविधाएं अनिवार्य हैं उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा बेहद जरूरी है और इसमें कोई लापरवाही नहीं बरती जायेगी. चेकिंग टीम में परिवहन विभाग से जिला बाल संरक्षण अधिकारी कंचन अरोड़ा, रमनदीप सिंह एटीओ, इंद्रजीत सिंह डीईओ, और जिला बाल संरक्षण इकाई से शानू राणा लेखाकार, जसविंदर पाल सिंह और ट्रैफिक पुलिस से दिलावर सिंह एएसआई मौजूद थे।
