मंच की नगर अध्यक्ष अमनदीप कौर सरना के नेतृत्व में कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गयी

लुधियाना - पींघाँ सोच के साहित्य मंच ने मंच की शहरी अध्यक्ष अमनदीप कौर सरना जी की पहल पर लुधियाना शहर के पंजाब विश्वविद्यालय में एक मासिक बैठक शुरू की। जिसमें पींघाँ सोच के साहित्य मंच की संस्थापक रशपिंदर कौर गिल भी पहुंचीं। इस मंच पर लुधियाना शहर से सदस्य प्रभजोत सिंह, वकील तृप्ता और कुलदीप कौर भी पहुंचे। इस बैठक में गहन चर्चा के बाद मंच की लुधियाना शहर की अध्यक्ष अमनदीप कौर सरना ने पंजाबी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए सभी सदस्यों की ड्यूटी लगाई कि किस तरह से लुधियाना शहर के स्कूलों व कॉलेजों में निकट भविष्य में कविता व कहानी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।

लुधियाना - पींघाँ सोच के साहित्य मंच ने मंच की शहरी अध्यक्ष अमनदीप कौर सरना जी की पहल पर लुधियाना शहर के पंजाब विश्वविद्यालय में एक मासिक बैठक शुरू की। जिसमें पींघाँ सोच के साहित्य मंच की संस्थापक रशपिंदर कौर गिल भी पहुंचीं। इस मंच पर लुधियाना शहर से सदस्य प्रभजोत सिंह, वकील तृप्ता और कुलदीप कौर भी पहुंचे। इस बैठक में गहन चर्चा के बाद मंच की लुधियाना शहर की अध्यक्ष अमनदीप कौर सरना ने पंजाबी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए सभी सदस्यों की ड्यूटी लगाई कि किस तरह से लुधियाना शहर के स्कूलों व कॉलेजों में निकट भविष्य में कविता व कहानी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। ताकि युवा पीढ़ी को भी साहित्य से जोड़ा जा सके। वकील तृप्ता ने जिम्मेदारी ली कि वह लुधियाना शहर के लेखकों की कहानियों का एक संग्रह प्रकाशित करेंगे। कुलदीप कौर ने जिम्मेदारी ली कि वह लुधियाना शहर में बच्चों के लिए 10 दिवसीय गुरबानी शिक्षा सेमिनार का आयोजन करेंगी। ताकि शहरी बच्चे शुद्ध गुरबानी उच्चारण और गौरवशाली सिख इतिहास सीख सकें। प्रभजोत सिंह ने जिम्मेदारी ली है कि वह लुधियाना शहर के स्कूलों और कॉलेजों में पुस्तक मेले लगाएंगे. युवाओं को पंजाबी संस्कृति और विरासत से जोड़ने का प्रयास लुधियाना शहर की इकाई पिंगण सोच साहित्य मंच द्वारा किया जा रहा है। शहर अध्यक्ष अमनदीप कौर सरना के नेतृत्व में लुधियाना शहर की टीम जल्द ही स्कूलों से संपर्क करने जा रही है। पींघाँ सोच का साहित्य मंच नए लेखकों की पुस्तकों की सार्वजनिक पेशकश और पुस्तक चर्चा का भी आयोजन करने जा रहा है। परिचर्चा के बाद पहुंचे सभी साहित्यकारों ने अपनी रचनाएं और गीत सुनाकर माहौल को खुशनुमा बना दिया। पींघाँ सोच के साहित्य मंच की संस्थापक रशपिंदर कौर गिल ने लुधियाना की पूरी टीम को प्रोत्साहित किया और सभी सदस्यों को विश्वास जताया कि सभी सदस्यों को मिलकर हर महीने मंच द्वारा लुधियाना शहर में साहित्य के क्षेत्र में एक कदम उठाना चाहिए। जिससे पंजाबी भाषा, पंजाबी साहित्य और गुरबानी का मानक सदैव सर्वोच्च बना रहेगा। जिसके कारण आज के समाज में परिवार और बच्चे पंजाबी और गुरबानी से अलग हो गए हैं। उन्हें एक बार फिर हाथ थामकर पंजाब की गौरवशाली विरासत से जोड़ा जा सकता है। मंच की संस्थापिका रशपिंदर कौर गिल ने कहा कि पींघाँ सोच के साहित्य मंच सभी नए लेखकों को यह मंच दे रहा है जिसके माध्यम से सभी नए लेखक साहित्य के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्र में भी अपना योगदान देते हुए अपनी एक अलग पहचान बना सकते हैं।