पीयू संस्कृत विभाग में हुआ अकादमिक नेतृत्व पर व्याख्यान

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"सफलता का कोई रहस्य नहीं है। यह तैयारी, कड़ी मेहनत और विफलता से सीखने का परिणाम है।"
Chandigarh March 28, 2024:- पंजाब विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग ने अकादमिक नेतृत्व पर आज 28.3.24 को एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया। इसके वक्ता थे बिहार के नव नालन्दा महाविहार (डीम्ड यूनिवर्सिटी) से आए डॉ. विजय कर्ण।
Chandigarh March 28, 2024:- पंजाब विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग ने अकादमिक नेतृत्व पर आज 28.3.24 को एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया। इसके वक्ता थे बिहार के नव नालन्दा महाविहार (डीम्ड यूनिवर्सिटी) से आए डॉ. विजय कर्ण।
अपने व्याख्यान में डॉ. विजय कर्ण ने अकादमिक नेतृत्व में युवाओं के महत्त्व पर बल दिया। डॉ. कर्ण ने कहा, “यदि सही प्रबन्धन किया जाए, तो आज के युवा भारत और विश्व का अकादमिक अनुष्ठानों में नेतृत्व कर सकते हैं।” उन्होंने बताया कि आज का युग बाहुबल का नहीं, बुद्धिबल का है। डॉ. कर्ण ने सांस्कृतिक चेतना के महत्त्व व उसके और नेतृत्व के गुणों के परस्पर सम्बन्ध के विषय में भी बताया।
इस व्याख्यान में संस्कृत विभाग व पीयू की दयानन्द वैदिक अध्ययन पीठ के अध्यापक, शोधछात्र व छात्र उपस्थित रहे। डी.ए.वी. कॉलेज सेक्टर 10 से आयीं संस्कृत विदुषी डॉ. सुषमा अलंकार भी इस व्याख्यान में उपस्थित रहीं।
संस्कृत विभाग के प्रो. वी. के. अलंकार ने धन्यवाद ज्ञापन किया और इस बात पर बल दिया कि संस्कृत के छात्रों को नेतृत्व-सम्बन्धी गुण ग्रहण करने चाहिए।
21-05-2025 05:19:56