
उत्कृष्ट पशु चारा, डेयरी क्षेत्र के विकास के लिए बुनियादी आवश्यकता - विशेषज्ञ
लुधियाना 30 जनवरी 2024:- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा डेयरी विकास विभाग के अधिकारियों के लिए उत्कृष्ट पशु चारे के उत्पादन, प्रसंस्करण और मंडीकरन के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। डॉ प्रकाश सिंह बराड़, निदेशक प्रसार शिक्षा ने कहा कि विश्वविद्यालय और विभाग के अधिकारियों के संयुक्त प्रयासों से डेयरी कृषक समुदाय को काफी लाभ हो सकता है। उन्होंने कहा कि यदि क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों को अनुसंधान संस्थानों द्वारा विकसित नई प्रौद्योगिकियों का ज्ञान होगा, तो वे कृषक समुदाय के उत्थान में पूरा योगदान देने में सक्षम होंगे।
लुधियाना 30 जनवरी 2024:- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा डेयरी विकास विभाग के अधिकारियों के लिए उत्कृष्ट पशु चारे के उत्पादन, प्रसंस्करण और मंडीकरन के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। डॉ प्रकाश सिंह बराड़, निदेशक प्रसार शिक्षा ने कहा कि
विश्वविद्यालय और विभाग के अधिकारियों के संयुक्त प्रयासों से डेयरी कृषक समुदाय को काफी लाभ हो सकता है। उन्होंने कहा कि यदि क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों को अनुसंधान संस्थानों द्वारा विकसित नई प्रौद्योगिकियों का ज्ञान होगा, तो वे कृषक समुदाय के उत्थान में पूरा योगदान देने में सक्षम होंगे।
डेयरी विकास विभाग के संयुक्त निदेशक श्री कश्मीर सिंह ने कहा कि डेयरी क्षेत्र के विकास के लिए सर्वोत्तम चारा बुनियादी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में काम करने वाले हमारे अधिकारी किसानों से निकटता से जुड़े हुए हैं और विभिन्न प्रकार की भूमिकाएँ निभाते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के शोधों को किसानों तक पहुंचाना हमारा प्रमुख उद्देश्य है। डॉ हरिंदर सिंह, चारा अनुसंधान विशेषज्ञ ने चारा प्रसंस्करण के
संबंध में अपने अनुभव साझा किए और हेय बनाने के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने फसल की किस्मों के चयन, बुआई एवं सुखाने के बारे में भी जानकारी दी। डॉ नवजोत सिंह बराड़ ने बेहतर फसल प्राप्त करने के लिए बुआई के तरीके, सिंचाई, उर्वरक और फसल सुरक्षा पर अपने विचार दिए। डॉ परमिंदर सिंह ने दूध उत्पादन में हरे चारे
के अचार के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने अचार बनाने की बेहतर तकनीक के बारे में भी बताया। उन्होंने अचार की गुणवत्ता को लेकर आने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा की।
डॉ जेएस लांबा ने डेयरी पशुओं के लिए वैकल्पिक चारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने चारे की पौष्टिकता बढ़ाने के बारे में बताया ताकि दुधारू मवेशियों को इसका अधिक लाभ मिल सके। इन अधिकारियों को यूनिवर्सिटी डेयरी फार्म के चारा एवं अचार क्षेत्र का भी दौरा कराया गया।
