
कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा तिल की खेती की नवीनतम तकनीक पर प्रशिक्षण कार्यक्रम
होशियारपुर - तिल के बीज की सफल खेती और कृषि प्रदर्शनियों के माध्यम से इसके विस्तार के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के जिला स्तरीय विस्तार संस्थान, कृषि विज्ञान केंद्र, बाहोवाल, होशियारपुर द्वारा गांव बछोही में तिल की खेती की नवीनतम तकनीकों पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
होशियारपुर - तिल के बीज की सफल खेती और कृषि प्रदर्शनियों के माध्यम से इसके विस्तार के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के जिला स्तरीय विस्तार संस्थान, कृषि विज्ञान केंद्र, बाहोवाल, होशियारपुर द्वारा गांव बछोही में तिल की खेती की नवीनतम तकनीकों पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। .
प्रशिक्षण के दौरान किसानों और किसान पत्नियों को संबोधित करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र, बाहोवाल के एसोसिएट डायरेक्टर (प्रशिक्षण) डॉ. मनिंदर सिंह बोउन्स ने तिल फसल प्रदर्शनियों के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी। उन्होंने तिल फसल प्रदर्शनी के अंतर्गत उन्नत किस्म-पंजाब तिल नंबर 2 की सफल खेती की विधि, उर्वरकों का उपयोग, कीट एवं रोगों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस किस्म की शाखाएँ प्रचुर मात्रा में होती हैं और फल भी अधिक आते हैं। यह किस्म लगभग 90 दिनों में पक जाती है और इसकी औसत उपज 2.8 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
शिविर के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ एसोसिएट प्रोफेसर (पशु विज्ञान) डॉ. परमिंदर सिंह, सहायक प्रोफेसर (पौधा संरक्षण) डॉ. प्रभजोत कौर और सहायक प्रोफेसर (सब्जी विज्ञान) डॉ. करमवीर सिंह गरचा ने पशुओं और धातुओं के मौसमी रखरखाव पर चर्चा की। जानवरों के चूरा, पशु चाट ईंट और बायपास वसा का उपयोग, फलों और सब्जियों के समग्र कीट प्रबंधन और ग्रीष्मकालीन सब्जियों और पौष्टिक गृह उद्यान की उत्पादन तकनीकों को विस्तार से साझा किया गया।
इस अवसर पर किसानों को तिल के बीज की प्रदर्शनी एवं कृषि साहित्य उपलब्ध कराया गया तथा प्रदर्शनी हेतु मृदा परीक्षण हेतु नमूने भी लिये गये।
