अध्यक्ष संजीव अरोड़ा ने नेत्रदान एवं प्रक्रिया के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की

होशियारपुर - रोटरी आई बैंक एवं कॉर्निया ट्रांसप्लांट सोसायटी द्वारा गढ़शंकर स्थानीय होटल में अध्यक्ष एवं प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में नेत्रदान जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर एसके सरीन (सेवानिवृत्त) सरकारी कॉलेज होशियारपुर, जेबी बहल चेयरमैन और डॉ. तरसेम सिंह चेयरमैन बॉडी डोनेशन विशेष रूप से उपस्थित हुए। समारोह की शुरुआत में मुख्य अतिथि प्रोफेसर एसके सरीन का स्वागत अध्यक्ष संजीव अरोड़ा ने फूलों का गुलदस्ता देकर किया।

होशियारपुर - रोटरी आई बैंक एवं कॉर्निया ट्रांसप्लांट सोसायटी द्वारा गढ़शंकर स्थानीय होटल में अध्यक्ष एवं प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में नेत्रदान जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर एसके सरीन (सेवानिवृत्त) सरकारी कॉलेज होशियारपुर, जेबी बहल चेयरमैन और डॉ. तरसेम सिंह चेयरमैन बॉडी डोनेशन विशेष रूप से उपस्थित हुए। समारोह की शुरुआत में मुख्य अतिथि प्रोफेसर एसके सरीन का स्वागत अध्यक्ष संजीव अरोड़ा ने फूलों का गुलदस्ता देकर किया। इस अवसर पर अध्यक्ष संजीव अरोड़ा ने दर्शकों को संबोधित करते हुए नेत्रदान करने की प्रक्रिया और मृत्यु के बाद नेत्रदान करने की जानकारी दी और बताया कि सोसायटी अब तक 4000 से अधिक कॉर्निया अंधत्व से पीड़ित लोगों को रोशनी प्रदान कर चुकी है। इंसान मरने के बाद दो लोगों की अंधेरी जिंदगी को रोशन कर देता है। श्री अरोड़ा ने कहा कि नेत्रदाता के परिवार को समाज द्वारा सम्मानित भी किया जाता है ताकि वे अन्य लोगों को भी प्रेरित कर सकें। इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर एसके सरीन ने रोटरी आई बैंक द्वारा अंधापन समाप्त करने के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की और सोसायटी के पदाधिकारियों को एक लाख रुपये का चेक प्रदान किया। श्री सरीन ने कहा कि यह बेहद सराहनीय है कि सोसायटी के सदस्य अंधेपन से पीड़ित लोगों को रोशनी प्रदान करने के लिए निस्वार्थ सेवा में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि वे भविष्य में भी समाज को भरपूर सहयोग देने का प्रयास करते रहेंगे। इस दौरान अध्यक्ष जेबी बहल ने कहा कि नेत्रदान को बढ़ावा देने के लिए जब भी आप ड्राइविंग लाइसेंस बनवाएं तो उस समय जिस कॉलम में आप नेत्रदान करना चाहते हैं उसमें हां भरकर अपनी सहमति दें ताकि दुनिया छोड़ने के बाद भी आप नेत्रदान कर सकें। आपकी आंखें भी इस खूबसूरत दुनिया को देखती हैं। उन्होंने कहा कि नेत्रदान ही एक ऐसा दान है जो मृत्यु के बाद करना होता है और हमें जीते जी नेत्रदान का वचन अवश्य भरना चाहिए। इस मौके पर देहदान के अध्यक्ष डॉ. तरसेम सिंह ने कहा कि नेत्रदान और देहदान दोनों ही मृत्यु के बाद किए जाने वाले दान हैं और इन्हें करने से व्यक्ति की आंखें और शरीर मरने के बाद भी मानव सेवा के लिए समर्पित रहते हैं।दो लोगों को मिलती है रोशनी जबकि मेडिकल साइंस की पढ़ाई करने वाले बच्चों को रिसर्च में सहयोग मिलता है। उन्होंने कहा कि अब तक 23 लोगों ने अपना शरीर दान कर मानव सेवा के यज्ञ में योगदान दिया है। कार्यक्रम में नेत्रदान करने वाले महानुभावों के परिजनों एवं नेत्र प्राप्त करने वाले लोगों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस दौरान रोशनी करने वाले लोगों ने वहां मौजूद सभी लोगों के साथ अपने अनुभव साझा किए और बताया कि रोशनी के बिना यह जीवन, जीवन नहीं बल्कि एक महान अभिशाप है। इसलिए वे सभी से इस महायज्ञ में नेत्रदान करने की अपील करते हैं. इस अवसर पर मदनलाल महाजन, वीना चोपड़ा, एडवोकेट सुलक्षण कुमार सरीन अध्यक्ष ब्लड बैंक नवांशहर, प्रवीण कुमार सरीन सचिव जिला क्रिकेट एसोसिएशन नवांशहर व अन्य उपस्थित थे।