
पीएसपीसीएल को 2022-23 में 4782 करोड़ का घाटा: पावर सेक्टर रिफॉर्म्स फोरम
पटियाला, 4 नवंबर - पावर सेक्टर रिफॉर्म्स फोरम के संयोजक इंजी. भूपिंदर सिंह और सह-संयोजक डॉ. मलकीत सिंह ने खुलासा किया है कि पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) को साल 2022-23 में 4782 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है, जबकि कर्ज 1170 करोड़ रुपये बढ़ गया है.
पटियाला, 4 नवंबर - पावर सेक्टर रिफॉर्म्स फोरम के संयोजक इंजी. भूपिंदर सिंह और सह-संयोजक डॉ. मलकीत सिंह ने खुलासा किया है कि पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) को साल 2022-23 में 4782 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है, जबकि कर्ज 1170 करोड़ रुपये बढ़ गया है.
'पंजाब के बिजली क्षेत्र और बिजली खरीद समझौतों की समीक्षा' शीर्षक वाले श्वेत पत्र के विमोचन के अवसर पर आज यहां पटियाला मीडिया क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, इंजी. भूपिंदर सिंह और डॉ. मलकीत सिंह ने कहा कि कंपनी को साल 2021-22 में जहां 1106 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था, वहीं साल 2022-23 में उसे 4782 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. उन्होंने कहा कि इस दौरान कंपनी का कर्ज भी 1170 करोड़ रुपये बढ़ गया है. 2021-22 में जहां कर्ज 17545 करोड़ रुपये था, वह अब बढ़कर 18715 करोड़ रुपये हो गया है. उन्होंने यह भी दावा किया कि पंजाब सरकार पर अब भी 10,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी बकाया है जिसका भुगतान नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि बेशक 2022-23 में सब्सिडी का भुगतान कर दिया गया है लेकिन बकाया अभी भी बना हुआ है.
सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि कैसे हरियाणा, राजस्थान और अन्य राज्यों ने अपने यहां बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाई है लेकिन पंजाब की नई भगवंत मान सरकार ने बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर कोई ध्यान नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि पंजाब में बाहर से बिजली लाने वाली एटीसी लाइन की क्षमता हर साल बढ़ाई जा रही है और एक्सचेंज से महंगे दामों पर बिजली खरीदी जा रही है, जिसका सारा बोझ उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है।
गोइंदवाल साहिब प्लांट को सरकार द्वारा खरीदने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस प्लांट को खरीदती है तो अच्छी बात है, लेकिन फिर भी सरकार को सरकारी क्षेत्र में बिजली उत्पादन की क्षमता बढ़ानी चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि कैसे राजस्थान सरकार 90 हजार मेगावाट का सोलर प्लांट लगाने जा रही है और इसे लगाने वाली कंपनियां बिजली उत्पादन का 7 फीसदी हिस्सा सरकारी कंपनियों को मुफ्त में देंगी.
इंजी. भूपिंदर सिंह और डॉ. मलकीत सिंह ने यह भी बताया कि भगवंत मान सरकार गोबिंदपुरा में जो सोलर प्लांट लगाने की बात कर रही है, एक तो उसकी जमीन एक प्राइवेट कंपनी की है, दूसरे उसकी बिजली उत्पादन का सिर्फ 200 मेगावाट पंजाब को देना है, 1000 मेगावाट पंजाब से देना है. बाहर सप्लाई किया जाना है। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुनाव के दौरान आप सरकार ने वादा किया था कि सरकार बनने पर बिजली खरीद समझौतों की समीक्षा होगी, लेकिन कुछ नहीं किया गया और यह सरकार भी पिछली सरकारें.की राह पर चल रही है.
