डीएवी पब्लिक स्कूल के समिक गोयल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोडिंग के जादूगर बनकर उभरे

और
"सफलता का कोई रहस्य नहीं है। यह तैयारी, कड़ी मेहनत और विफलता से सीखने का परिणाम है।"
पटियाला, 12 सितंबर - इंटरनेशनल ओलंपियाड ऑफ इंफॉर्मेटिक्स कंप्यूटर शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित प्रतियोगिताओं में से एक है। इसके संरक्षक यूनेस्को और आईएफआईपी जैसे प्रतिष्ठित संगठन हैं।
पटियाला, 12 सितंबर - इंटरनेशनल ओलंपियाड ऑफ इंफॉर्मेटिक्स कंप्यूटर शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित प्रतियोगिताओं में से एक है। इसके संरक्षक यूनेस्को और आईएफआईपी जैसे प्रतिष्ठित संगठन हैं।
एल्गोरिदम और कोड की दुनिया में, शुरुआत में जोनल कंप्यूटिंग ओलंपियाड आयोजित किया गया था, जिसमें डीएवी पब्लिक स्कूल, पटियाला के 11वीं कक्षा के गैर-मेडिकल छात्र समिक गोयल ने राष्ट्रीय स्तर के लिए क्वालीफाई किया और रजत पदक जीता। राष्ट्रीय स्तर पर चयनित 30 छात्रों में से 4 छात्रों को सितंबर, 2024 में मिस्र में आयोजित होने वाले सूचना विज्ञान के 36वें अंतर्राष्ट्रीय ओलंपियाड के लिए भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था। इस डिजिटल क्षेत्र में उन्होंने देश का नाम रोशन किया और रजत पदक और 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार जीतकर खुद को एक सच्चा चैंपियन साबित किया। समिक और उनके माता-पिता और शिक्षकों को बधाई देते हुए, प्रिंसिपल श्री विवेक तिवारी ने कहा, “उनकी जीत सूचना विज्ञान के लिए उनके समर्पण, कौशल, उत्कृष्टता, कड़ी मेहनत, जुनून और नवाचार का प्रमाण है।
यह हमारे और हमारे देश के लिए गर्व की बात है।'' गौरतलब है कि सामिक की मिस्र यात्रा भारत सरकार द्वारा प्रायोजित थी।
25-05-2025 07:30:08