प्रोजेक्ट सारथी का पी.जी.आई.एम.ई.आर में ए.ई.सी और ए.सी.सी में विस्तार

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"सफलता का कोई रहस्य नहीं है। यह तैयारी, कड़ी मेहनत और विफलता से सीखने का परिणाम है।"
पी.जी.आई.एम.ई.आर, चंडीगढ़ में 6 मई 2024 को शुरू किया गया प्रोजेक्ट सारथी, मरीजों की देखभाल और छात्रों की भागीदारी को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रारंभ में केवल नए ओ.पी.डी कॉम्प्लेक्स में आउटपेशेंट डिपार्टमेंट (ओ.पी.डी) पर केंद्रित यह प्रोजेक्ट अब सफलतापूर्वक उन्नत नेत्र केंद्र (ए.ई.सी) और उन्नत हृदय केंद्र (ए.सी.सी) के ओ.पी.डीज़ में भी विस्तारित हो चुका है।
पी.जी.आई.एम.ई.आर, चंडीगढ़ में 6 मई 2024 को शुरू किया गया प्रोजेक्ट सारथी, मरीजों की देखभाल और छात्रों की भागीदारी को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रारंभ में केवल नए ओ.पी.डी कॉम्प्लेक्स में आउटपेशेंट डिपार्टमेंट (ओ.पी.डी) पर केंद्रित यह प्रोजेक्ट अब सफलतापूर्वक उन्नत नेत्र केंद्र (ए.ई.सी) और उन्नत हृदय केंद्र (ए.सी.सी) के ओ.पी.डीज़ में भी विस्तारित हो चुका है। अब तक विभिन्न कॉलेजों के 120 से अधिक छात्र इस कार्यक्रम में भाग ले चुके हैं, और कई अन्य छात्र इस प्रभावशाली कार्यक्रम से जुड़ने में रुचि दिखा रहे हैं।
मरीजों को अस्पताल प्रणाली को समझने में सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से प्रोजेक्ट सारथी को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। पी.जी.आई.एम.ई.आर में इसकी सफलता के साथ, मॉडल को अन्य संस्थानों में भी अपनाया जा रहा है, जिसमें जी.एम.सी.एच-32, जी.एम.एस.एच-16 और हिमाचल प्रदेश के सभी चिकित्सा कॉलेज शामिल हैं।
पी.जी.आई.एम.ई.आर के निदेशक, प्रो. विवेक लाल ने प्रोजेक्ट की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा, "प्रोजेक्ट सारथी हमारे मरीज-केंद्रित देखभाल के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। छात्रों का उत्साह और मरीजों की सहायता के प्रति उनकी निष्ठा वास्तव में प्रेरणादायक है। छात्रों को केवल मार्गदर्शन से आगे बढ़कर मरीजों के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करके, हम एक अधिक सहानुभूतिपूर्ण स्वास्थ्य सेवा वातावरण बनाने का लक्ष्य रखते हैं। जैसे-जैसे हम इस मॉडल का विस्तार कर रहे हैं, हम एक स्थायी ढांचा बनाने की उम्मीद कर रहे हैं जो अस्पताल भर में मरीजों को लाभान्वित करेगा।"
प्रोजेक्ट के रोडमैप को विस्तार से बताते हुए, पी.जी.आई.एम.ई.आर के डिप्टी डायरेक्टर (प्रशासन) श्री पंकज राय ने कहा, "प्रोजेक्ट की दीर्घकालिक सफलता सुनिश्चित करने के लिए, स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर्स (एस.ओ.पी) तैयार किए जा रहे हैं ताकि किसी भी दुरुपयोग को रोका जा सके और संसाधनों के प्रभावी उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके। इसके अतिरिक्त, एक सोसायटी का पंजीकरण किया जा रहा है जिससे प्रोजेक्ट सारथी की निरंतरता के लिए एक कोष स्थापित किया जा सके।"
डिप्टी डायरेक्टर (प्रशासन), पी.जी.आई.एम.ई.आर ने प्रोजेक्ट को स्थायी बनाने में सहयोग के महत्व को भी रेखांकित किया, "हम प्रोजेक्ट सारथी की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एन.जी.ओज़, बी.एड छात्रों और अन्य हितधारकों को शामिल कर रहे हैं। इसके निरंतर विस्तार और समुदाय के सहयोग से, प्रोजेक्ट सारथी क्षेत्र भर में मरीज देखभाल पर एक स्थायी प्रभाव डालने के लिए तैयार है।"
23-05-2025 22:26:29