बजट से देश के आम नागरिकों को भारी निराशा हुई है, केवल सत्ता के साझेदारों का विशेष ध्यान रखा गया है---तलविंदर सिंह हीर

माहिलपुर, 23 जुलाई - केंद्र सरकार द्वारा आज पेश किए गए बजट से देश के आम नागरिक और कर्मचारी बेहद निराश हैं और भविष्य को लेकर चिंतित हैं। कृषि प्रधान देश होने के बावजूद देश के विकास की रीढ़ कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों की दयनीय स्थिति को सुधारने के लिए कोई विशेष योजना नहीं बनाई गई है।

माहिलपुर, 23 जुलाई - केंद्र सरकार द्वारा आज पेश किए गए बजट से देश के आम नागरिक और कर्मचारी बेहद निराश हैं और भविष्य को लेकर चिंतित हैं। कृषि प्रधान देश होने के बावजूद देश के विकास की रीढ़ कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों की दयनीय स्थिति को सुधारने के लिए कोई विशेष योजना नहीं बनाई गई है। सरकारी क्षेत्र की ताकत और उसमें रोजगार को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया, आर्थिक दृष्टि से बिल्कुल अधूरा यह पूरा राजनीतिक बजट सत्ता बचाने के लिए देश के एक-दो राज्यों तक सीमित कर दिया गया। सरकार ने अपने पसंदीदा पूंजीपतियों और राजनीतिक सहयोगियों को लाभ पहुंचाने के लिए पूरे देश के लोगों के अधिकारों और हितों की उपेक्षा की है। तथाकथित चमत्कारिक बजट वास्तव में विनाशकारी रूप में सामने आया है। आर्थिक मंदी से जूझ रहे देशवासियों को निकट भविष्य में और भी गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।