कृषि विज्ञान केंद्र एवं फार्म कंसल्टेंसी सर्विस सेंटर द्वारा तिल की खेती को लेकर किसान परामर्श का आयोजन किया गया

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"सफलता का कोई रहस्य नहीं है। यह तैयारी, कड़ी मेहनत और विफलता से सीखने का परिणाम है।"
होशियारपुर - पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के जिला स्तरीय विस्तार संस्थान, कृषि विज्ञान केंद्र, बाहोवाल, होशियारपुर और फार्म सलाहकार सेवा केंद्र, गंगियान, होशियारपुर ने दसूहा ब्लॉक के गांव डडियाल में फसल प्रदर्शनियों के तहत तिल की खेती के बारे में एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया।
होशियारपुर - पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के जिला स्तरीय विस्तार संस्थान, कृषि विज्ञान केंद्र, बाहोवाल, होशियारपुर और फार्म सलाहकार सेवा केंद्र, गंगियान, होशियारपुर ने दसूहा ब्लॉक के गांव डडियाल में फसल प्रदर्शनियों के तहत तिल की खेती के बारे में एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया।
गोष्ठी की शुरुआत में कृषि विज्ञान केंद्र, बाहोवाल के एसोसिएट डायरेक्टर (प्रशिक्षण) डॉ. मनिंदर सिंह बाउंस ने तिल फसल प्रदर्शनियों के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी। उन्होंने तिल फसल प्रदर्शनी के अंतर्गत उन्नत किस्म-पंजाब तिल नंबर 2 की सफल खेती की विधि, उर्वरकों का उपयोग, कीट एवं रोगों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि फसल की बुआई जुलाई के प्रथम पखवाड़े में कर देनी चाहिए. फीलोड्स (फूल रोग) का आक्रमण अगेती बुआई (जून माह) की फसल पर अधिक होता है। उन्होंने यह भी कहा कि फीलोड्स वाले पौधों को उखाड़कर मिट्टी के नीचे दबा देना चाहिए, ताकि बीमारी न बढ़ सके. फसल को खराब होने से बचाने के लिए कटाई पौधों के पीले पड़ने और फलियाँ खुलने की शुरुआत में करनी चाहिए।
शिविर के दौरान किसानों के साथ कृषि विज्ञान केंद्र एवं फार्म सलाहकार सेवा केंद्र के विशेषज्ञ, जिला विस्तार अधिकारी (कीट विज्ञान) डॉ. राकेश कुमार शर्मा, जिला विस्तार अधिकारी (फल विज्ञान) डॉ. इंदिरा देवी एवं सहायक प्रोफेसर (पौधा संरक्षण) डॉ. प्रभजोत कौर ने खरीफ फसलों की जांच की, फलों और सब्जियों और पौष्टिक बगीचों के समग्र कीट प्रबंधन पर विस्तृत जानकारी साझा की। इस अवसर पर किसानों को तिल प्रदर्शनी के बीज एवं कृषि साहित्य उपलब्ध कराया गया वहीं प्रदर्शनियों के लिए मिट्टी परीक्षण के नमूने भी लिए गए।
22-05-2025 21:06:53