डायरिया रोको अभियान के शुभारंभ के मौके पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरूकता रैली निकाली गयी

होशियारपुर - डायरिया रोकथाम अभियान की शुरुआत के अवसर पर सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. बलविंदर कुमार दमाना द्वारा एक जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इसका संचालन जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. सीमा गर्ग के नेतृत्व में किया गया इस रैली में सहायक सिविल सर्जन डॉ. कमलेश कुमारी, जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. अनीता कटारिया, डिप्टी मास मीडिया अधिकारी रमनदीप कौर, वीसीसीएम उपकार सिंह, नवप्रीत कौर

होशियारपुर - डायरिया रोकथाम अभियान की शुरुआत के अवसर पर सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. बलविंदर कुमार दमाना द्वारा एक जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इसका संचालन जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. सीमा गर्ग के नेतृत्व में किया गया इस रैली में सहायक सिविल सर्जन डॉ. कमलेश कुमारी, जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. अनीता कटारिया, डिप्टी मास मीडिया अधिकारी रमनदीप कौर, वीसीसीएम उपकार सिंह, नवप्रीत कौर और एएनएम ट्रेनिंग स्कूल के ट्यूटर्स और विद्यार्थियों ने भाग लिया। रैली में इस वर्ष के अभियान नारे "डायरिया की रोकथाम, स्वच्छता और ओआरएस के साथ देखभाल" से संबंधित नारे लगाकर डायरिया के बारे में जागरूकता फैलाई गई।
रैली को संबोधित करते हुए डॉ. बलविंदर कुमार दमाना ने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य डायरिया से होने वाली मौतों को शून्य करना है. दस्त रोको अभियान इस बार 1 जुलाई से 31 अगस्त तक दो महीने तक मनाया जाएगा. इस दौरान विभिन्न गतिविधियां की जाएंगी। आशा या आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से हर साल पांच साल तक के बच्चों के घरों में ओआरएस और जिंक टैबलेट के पैकेट वितरित किए जाएंगे। ओआरएस एवं जिंक की आपूर्ति प्रखंड स्तर पर वितरित कर दी गयी है. सभी स्वास्थ्य संस्थानों, आंगनवाड़ी केंद्रों और स्कूलों में हाथ धोने की वैज्ञानिक विधि का प्रदर्शन किया जाएगा क्योंकि हाथ की स्वच्छता से ही दस्त को नियंत्रित किया जा सकता है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. सीमा गर्ग ने बताया कि यदि बच्चे को दस्त हो जाए तो तुरंत थोड़े समय के लिए ओआरएस देना शुरू कर देना चाहिए, जब तक दस्त बंद न हो जाए। अगर दस्त बंद हो जाए तो भी बच्चे को 14 दिन तक जिंक की गोलियां दें। दस्त के दौरान ओआरएस और जिंक से उपचार करने से बच्चे को जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है। डायरिया के उचित प्रबंधन के लिए एएनएम या आशा से परामर्श लेना चाहिए। डॉ. सीमा गर्ग ने कहा कि यदि बच्चा अधिक कमजोर हो जाए, बच्चा कुछ खा नहीं रहा हो और दूध नहीं पी रहा हो, बच्चे के मल में खून आ रहा हो, कुछ भी नहीं पी पा रहा हो, बुखार आदि हो तो उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल में ले जाएं और दिखाएं बाल रोग विशेषज्ञ के पास जाएं ताकि समय पर उचित उपचार दिया जा सके। उन्होंने कहा कि इस अभियान के दौरान सभी स्वास्थ्य संस्थानों में ओआरएस जिंक कॉर्नर भी स्थापित किये गये हैं जहां ओआरएस घोल तैयार करने की विधि का प्रदर्शन किया जायेगा.