
"विश्व रेड क्रॉस दिवस" के अवसर पर थैलेसीमिया रोगियों को समर्पित रक्तदान शिविर।
नवांशहर - थैलेसीमिया एक आनुवांशिक बीमारी है, जिससे प्रभावित व्यक्ति की लाल रक्त कोशिकाएं पर्याप्त हीमोग्लोबिन का उत्पादन नहीं कर पाती हैं, जिसके कारण उन्हें दो से तीन सप्ताह के बाद रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है। गौरतलब है कि वैश्विक स्तर पर वर्ष 2024 की थीम थैलेसीमिया पीड़ितों पर केंद्रित है जिसके तहत थैलेसीमिया पीड़ितों को चाहे वे किसी भी आर्थिक स्थिति और किसी भी स्थान के हों, वर्तमान और भविष्य में सटीक उपचार और देखभाल मिलना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। .
नवांशहर - थैलेसीमिया एक आनुवांशिक बीमारी है, जिससे प्रभावित व्यक्ति की लाल रक्त कोशिकाएं पर्याप्त हीमोग्लोबिन का उत्पादन नहीं कर पाती हैं, जिसके कारण उन्हें दो से तीन सप्ताह के बाद रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है। गौरतलब है कि वैश्विक स्तर पर वर्ष 2024 की थीम थैलेसीमिया पीड़ितों पर केंद्रित है जिसके तहत थैलेसीमिया पीड़ितों को चाहे वे किसी भी आर्थिक स्थिति और किसी भी स्थान के हों, वर्तमान और भविष्य में सटीक उपचार और देखभाल मिलना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। .
जिला रेड क्रॉस सोसाइटी के नेतृत्व में स्थानीय बीडीसी में "विश्व रेड क्रॉस दिवस" के अवसर पर एक स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जो थैलेसीमिया रोगियों को समर्पित एक रक्तदान शिविर बन गया। शिविर का उद्घाटन समाज सेविका ज्योति बागा ने किया। उन्होंने रक्तदाताओं के गले में मैडल्स लगाकर उनका सम्मान किया। शिविर में कुल 45 रक्तदाताओं ने स्वेच्छा से रक्तदान किया। शिविर की खास बात यह रही कि नेत्रहीन संदीप शर्मा होशियारपुर और थैलेसीमिया पीड़ित लड़की नवनीत बिज के पिता ने भी स्वेच्छा से रक्तदान किया। इस अवसर पर अध्यक्ष एसके सरीन ने थैलेसीमिया मरीजों व उनके अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि थैलेसीमिया मरीजों को प्रोत्साहित करना चाहिए. यह संस्था पहले की तरह उनकी रक्त संबंधी जरूरतों के लिए सहयोग करती रहेगी।
डॉ. अजय बागा ने कहा कि युवाओं को शादी से पहले थैलेसीमिया की जांच करानी चाहिए, जिससे समय पर इलाज में मदद मिलती है। सचिव जेएस गिद्दा ने विश्व रेड क्रॉस दिवस के अवसर पर दूर-दराज से आए स्वैच्छिक रक्तदाताओं का स्वागत किया और उनके नेक कार्यों के लिए उनकी सराहना की। रक्तदाताओं को विशेष प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। जिला रेडक्रास हरपाल सिंह सचिव, सैम लाल, सुखचैन सिंह और मनदीप सिंह शामिल हुए। बीडीसी से एसके सरीन, जेएस गिद्दा, डॉ. अजय बग्गा, डॉ. दयाल सरूप, मैनेजर मनमीत सिंह, वासदेव प्रदेसी, ज्योति बग्गा, शमा मल्हान, सुरजीत कौर दुलकू, राजिंदर छोकर, राज कुमार और रुड़की खास से पवन समुंदा मौजूद रहे।
