सतनाम सिंह मट्टू की पुस्तक 'यख रातां पोह की' के दूसरे संस्करण की सार्वजनिक प्रस्तुति

पटियाला, 11 दिसंबर - पंजाबी साहित्य सभा पटियाला द्वारा भाषा विभाग में एक साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति में संस्था के अध्यक्ष डॉ. दर्शन सिंह अष्ट, "पद्मश्री" जगजीत सिंह दर्दी, पंजाबी भाषा प्रेमी प्रोफेसर पंडितराव धरनवार, दैनिक पंजाबी जागरण के ब्यूरो प्रमुख नवदीप ढींगरा, केंद्रीय पंजाबी लेखक संघ के अध्यक्ष दर्शन बुट्टर और माता गुजरी कॉलेज फतेहगढ़ साहिब की पूर्व उप-प्रिंसिपल डॉ. राजिंदर कौर शामिल हुईं। इस कार्यक्रम में सतनाम सिंह मट्टू के काव्य संग्रह 'यख रतन पोह की' का दूसरा संस्करण लोगों के सामने पेश किया गया।

पटियाला, 11 दिसंबर - पंजाबी साहित्य सभा पटियाला द्वारा भाषा विभाग में एक साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति में संस्था के अध्यक्ष डॉ. दर्शन सिंह अष्ट, "पद्मश्री" जगजीत सिंह दर्दी, पंजाबी भाषा प्रेमी प्रोफेसर पंडितराव धरनवार, दैनिक पंजाबी जागरण के ब्यूरो प्रमुख नवदीप ढींगरा, केंद्रीय पंजाबी लेखक संघ के अध्यक्ष दर्शन बुट्टर और माता गुजरी कॉलेज फतेहगढ़ साहिब की पूर्व उप-प्रिंसिपल डॉ. राजिंदर कौर शामिल हुईं। इस कार्यक्रम में सतनाम सिंह मट्टू के काव्य संग्रह 'यख रतन पोह की' का दूसरा संस्करण लोगों के सामने पेश किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत में पहुंचे साहित्यकारों का स्वागत करते हुए सभा के अध्यक्ष डॉ. दर्शन सिंह 'आष्ट' ने कहा कि पंजाबी मातृभाषा का दायरा बहुत व्यापक है, लेकिन वर्तमान समय में नई पीढ़ी को अपनी भाषा विरासत और संस्कृति से जोड़ने की महती जरूरत है। चढ़दीकला टाइम टीवी के चेयरमैन "पद्मश्री" जगजीत सिंह दर्दी ने पंजाबी साहित्य सभा पटियाला के साथ लंबे जुड़ाव का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों के माध्यम से साहिबजादों की शहादत को श्रद्धांजलि देना और उनकी महिमा को याद करना एक महत्वपूर्ण कार्य है। पंजाबी मातृभाषा के ध्वजवाहक पंडितराव धरनवार (चंडीगढ़) ने कहा कि पंजाबी मातृभाषा उनके लिए अत्यंत सम्मानित भाषा है और इस भाषा की रचनाओं का अपने प्रांत की भाषा कन्नड़ में अनुवाद करके उन्हें खुशी महसूस होती है। शिरोमणि कवि दर्शन बुट्टर ने कहा कि पटियाला की इस सिरमौर साहित्य सभा की गतिविधियों का विशेष स्थान है। नवदीप ढींगरा ने पुस्तक के संदर्भ में कहा कि पंजाबी साहित्य और पत्रकारिता की मजबूत जड़ों से पंजाबी भाषा समृद्ध हुई है।
सतनाम सिंह मट्टू की पुस्तक पर मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. राजिंदर कौर ने कहा कि यह पुस्तक पंजाबी भाषा, कविता, धर्म और इतिहास का एक सुंदर गुलदस्ता और प्रेरणा का स्रोत है। कथावाचक बाबू सिंह रहल ने कहा कि इस पुस्तक में यथार्थ का मार्मिक वर्णन किया गया है। इस दौरान सिंगर सुखवंत लवली ने एक खास गाना गाया. सतनाम सिंह मट्टू ने कहा कि इस किताब को लिखकर उन्हें बहुत सांत्वना मिली है, जिसमें कई गाने गायकों ने गाए हैं।
इवेंट के दूसरे राउंड में डायरेक्टर परवीन मेहरा, डॉ. प्रेम खोसला, गुरप्रीत सिंह जखवाली, बजिंदर ठाकुर, जग्गा रंगूवाल, अमर गर्ग कलमदान, कुलविंदर कुमार बहादुरगढ़, गुरिंदर सिंह पंजाबी, कैप्टन चमकौर सिंह चहल, हरदीप कौर जस्सोवाल, नायब सिंह बदेशा , बलदेव सिंह बिंद्रा, कृष्ण कुमार शर्मा, बलबीर सिंह दिलदार, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, शाम सिंह प्रेम, जोगा सिंह धनौला, गुरमुख सिंह जगी, हरि सिंह चमक, बचन सिंह गुरम, अंग्रेज सिंह विरक, गोपाल शर्मा, राजेश्वर कुमार आदि ।
इस कार्यक्रम में भाषा विभाग पंजाब के सहायक निदेशक तेजिंदर सिंह गिल, जैनिंदर चौहान, कुलदीप कौर धंजू, सुषमा सभरवाल, सुखविंदर कौर आही, किरणदीप कौर, सुखविंदर सिंह, भूपिंदर उपराम सुखविंदरजीत सिंह, जसवंत सिंह नौहरा, जोगा सिंह धनौला, अश्वनी बागड़ी, जीबी सिंह पम्मी, सुमित कुमार, मुनीष मल्होत्रा, सुरगीवंदर सिंह छाबड़ा, डॉ. उषा गोयल बठिंडा, बलजिंदर कौर जिन्दे, जसबीर कौर, एडवोकेट एसपी सिंह, जॉली वर्मा, गगनप्रीत कौर सप्पल, मनप्रीत कौर, हरविंदर सिंह गुलाम, कुलदीप सिंह जॉली वर्मा, हनी वैली, बलजीत माला, कॉमेडियन लक्की, अमरीक सिंह, सुशील कुमार, जसविंदर सिंह और कई अन्य हस्तियां मौजूद थीं। अंत में सभा द्वारा विशिष्ट व्यक्तियों का सम्मान किया गया। मंच संचालन की भूमिका दविंदर पटियालवी ने निभाई। अंत में डॉ. हरप्रीत सिंह राणा ने सभी का धन्यवाद किया।