वेटरनरी विश्वविद्यालय सम्मेलन में जैव विविधता, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियाँ विषय रहे केंद्र में

लुधियाना 18 मार्च 2024:- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना में आज खाद्य और पोषण सुरक्षा और किसान कल्याण: भारत का विजन 2047 और उससे आगे विषय पर चल रहे 47वें वाइस चांसलर सम्मेलन में जैव विविधता, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, जलवायु परिवर्तन चुनौतियाँ और अपशिष्ट प्रबंधन जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। 

लुधियाना 18 मार्च 2024:- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना में आज खाद्य और पोषण सुरक्षा और किसान कल्याण: भारत का विजन 2047 और उससे आगे विषय पर चल रहे 47वें वाइस चांसलर सम्मेलन में जैव विविधता, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, जलवायु परिवर्तन चुनौतियाँ और अपशिष्ट प्रबंधन जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। 
डॉ बलजीत सिंह, सस्कैचवन विश्वविद्यालय, कनाडा ने एक ग्रह, एक स्वास्थ्य और एक भविष्य विषय पर बात की। उन्होंने इस संदर्भ में खाद्य सुरक्षा, ग्रीनहाउस गैसों, वैश्विक जल की कमी और स्वास्थ्य दृष्टिकोण की चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सभी के लिए भोजन, अच्छा स्वास्थ्य, स्वच्छ जल, स्वस्थ पर्यावरण ऐसे विषय हैं जिन पर कृषि एवं पशु चिकित्सा वैज्ञानिकों को और अधिक काम करने की जरूरत है।
डॉ एएस ढट्ट, पीएयू के निदेशक अनुसंधान ने बागवानी की स्थिति, चुनौतियों और भविष्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने बागवानी में बढ़ते उत्पादन और इन फसलों के आयात-निर्यात पर भी प्रकाश डाला। डॉ सोहन सिंह वालिया, निदेशक, स्कूल ऑफ ऑर्गेनिक फार्मिंग, पीएयू ने कृषि अपशिष्ट को कम करने और इसे उपयोग में लाने के तरीके बताए। इससे रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम होगा। डॉ आरसी अग्रवाल, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक ने वैश्विक स्तर पर कृषि विश्वविद्यालयों की रैंकिंग के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि इन संस्थानों को वैश्विक स्तर पर खड़ा करके हम दूसरे देशों के छात्रों की संख्या बढ़ा सकते हैं। भारतीय कृषि विश्वविद्यालय संघ के कार्यकारिणी ने डॉ परविंदर कौशल को संगठन का नया अध्यक्ष नियुक्त किया। 11 शिक्षकों को उनके अनुकरणीय कार्य के लिए सर्वश्रेष्ठ शिक्षक, शोधकर्ता और प्रसार विशेषज्ञ के रूप में सम्मानित किया गया।
समापन समारोह में डॉ रामेश्वर सिंह, भारतीय कृषि विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष ने कहा कि सम्मेलन में प्राप्त सिफारिशें किसान कल्याण के लिए नई नीतियां बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। डॉ इंद्रजीत सिंह, वाइस चांसलर ने कहा कि सम्मेलन ने वाइस चांसलरों और नीति निर्माताओं को कृषि और पशुधन किसानों के प्रतिनिधियों और भागीदारों के साथ बातचीत करने का एक बड़ा अवसर प्रदान किया। वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों पर विचार करने और उनका समाधान खोजने में यह चर्चा बहुत उपयोगी होगी। उन्होंने आये हुए सभी वैज्ञानिकों और सम्मेलन से जुड़े साझेदारों को धन्यवाद दिया।