गदरी बाबाओं का 33वां मेला 1 से 3 नवंबर तक लगेगा

जालंधर- देश भगत मेमोरियल कमेटी की जनरल बॉडी की मीटिंग में गंभीर विचार-विमर्श के बाद लिए गए अहम फैसलों की जानकारी प्रेस से साझा करते हुए कमेटी के अध्यक्ष अजमेर सिंह, महासचिव पृथीपाल सिंह माड़ीमेघा और सांस्कृतिक विंग के संयोजक अमोलक सिंह ने बताया कि दिवाली पर्व को ध्यान रखते हुए गदरी बाबा का 33वां मेला 1 नवंबर शाम 4 बजे से 3 नवंबर तक तीन दिनों तक लगेगा।

जालंधर- देश भगत मेमोरियल कमेटी की जनरल बॉडी की मीटिंग में गंभीर विचार-विमर्श के बाद लिए गए अहम फैसलों की जानकारी प्रेस से साझा करते हुए कमेटी के अध्यक्ष अजमेर सिंह, महासचिव पृथीपाल सिंह माड़ीमेघा और सांस्कृतिक विंग के संयोजक अमोलक सिंह ने बताया कि दिवाली पर्व को ध्यान रखते हुए गदरी बाबा का 33वां मेला 1 नवंबर शाम 4 बजे से 3 नवंबर तक तीन दिनों तक लगेगा।
रविवार, 3 नवंबर को सुबह 10 बजे ध्वजारोहण समारोह के बाद,  यह मेला 3 नवंबर को नाटकों और गीतों से भरी रात के साथ, 4 नवंबर की सुबह सरघी में पूरे जोश के साथ समाप्त होगा।
बैठक में उपस्थित समिति के उपाध्यक्ष कुलवंत सिंह संधू, सहायक सचिव चरणजी लाल कंगनीवाल और वित्त सचिव सीतल सिंह संघा सहित सभी सदस्यों ने सभी पहलुओं पर विचार करते हुए निर्णय लिया कि पुस्तक मेला 1 नवंबर की सुबह से शुरू होगा. जिसमें शाम 4 बजे औपचारिक रूप से मेला प्रेमी एक साथ बैठेंगे, विचार करेंगे और कलाकृतियों का आनंद लेंगे।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि 10 अगस्त शनिवार को सुबह ठीक 11 बजे समिति की सांस्कृतिक शाखा एवं पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक होगी. इसके बाद ठीक 12 बजे मेले से जुड़े विशाल सांस्कृतिक विंग और सभी साहित्यिक/सांस्कृतिक गतिविधियों की बैठक होगी, जिसमें मेले का लोकार्पण, ध्वजारोहण की जिम्मेदारी दी जाएगी और संभावित स्पर्श किए जाएंगे मेले की रूपरेखा दी जाएगी।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि बाबा सोहन सिंह भकना गदरी संग्रहालय में बनने वाले डिजिटल थिएटर का नाम 'देश भगत गंधर्व सैन कोचर मेमोरियल थिएटर' होगा. इस थिएटर में ग़दरी देशभक्तों, उपेक्षित स्वतंत्रता सेनानियों की ऐतिहासिक विरासत, चित्र, गीत, संगीत, कविताएँ, रंग मंच और फ़िल्में आदि से संबंधित घटनाएँ भी दिखाई जाएँगी और चर्चाएँ भी होंगी। विशेषकर नवोदित युवाओं एवं नवयुवकों को उनके गौरवशाली स्वतंत्रता दिवस से जोड़ने तथा समाज में स्वस्थ, देशभक्त, जनपक्षधर, वैज्ञानिक एवं क्रांतिकारी लोकतांत्रिक विचारों के प्रसार के लिए हरसंभव प्रयास किये जायेंगे।
जलियांवाला बाग और माझा क्षेत्र के ग़दरी स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े गांव इस मेले में लंगर का खर्च वहन करने के लिए आगे आने के लिए सीपीआई जिला तरनतारन कमेटी इन गांवों में बनी देशभक्ति समितियों, जन समर्थक समूह संगठनों और व्यक्तियों को आगे आने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
आज की बैठक में समिति के ट्रस्टी डॉ. परमिंदर सिंह, सहायक सचिव चरणजी लाल कंगनीवाल ने 28 जुलाई 1925 को सदा के लिए वियोग दे गई ग़दरी गुलाब कौर और 31 जुलाई 1940 को फाँसी पर लटकाए गए शहीद उधम सिंह के बारे में अपने विचार व्यक्त किए। समिति के सदस्यों में गुलाब कौर, उधम सिंह, गुरचरण सिंह अचरवाल, जीत कौर अछरवार, अवतार विरक, अवतार कौर लुधियाना, चंद्र मोहन कालिया डीएमसी लुधियाना, परषोतम लाल, घनिया लंगेरी, रणबीर सिंह ढिल्लों, स्वर्ण सिंह अकालपुरी, अरसल सिंह संधू, कुलवंत सिंह कीर्ति फाजिल्का को श्रद्धांजलि दी गई।